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बहसूमा क्षेत्र के जंगल में हरे पेड़ों पर रात दिन चल रहे कुल्हाड़ी, नहीं की जा रही कार्रवाई

बहसूमा। एक तरफ जहां सरकार पेड़ों का कटान रोकने और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं कुछ वन माफिया हरे पेड़ों का कटान धड़ल्ले से कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हरे पेड़ों को काटने की वन विभाग भी आसानी से परमिशन दे रहा है इसका जीता जागता सबूत बहसूमा क्षेत्र में दिखाई दे रहा है। बहसूमा क्षेत्र के गांव व जंगलों में प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई की जा रही है दिन के समय खुलेआम जंगलों में हरे पेड़ों को काटा जा रहा। और रात के समय यह अवैध कारोबार करने वाले लकड़ियों की धुलाई कर रहे हैं अवैध कारोबारी जंगलों से पेड़ों की कटाई करते हैं और उसे आरा मशीन व हलवाई की दुकानों पर ऊंचे दामों में बेच देते हैं यह आरोप क्षेत्र के लोगों ने लगाते हुए कहा कि इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।बता दें कि इन दिनों बहसूमा कस्बे सहित अन्य गांवों में पेड़ों की अंधाधुंध अवैध कटाई चल रही है।इसकी जानकारी होते हुए भी वन विभाग अंजान बना बैठा है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि कारोबारी दिनदहाड़े पेड़ों को काटकर वही पर छोड़ देते हैं।इसके बाद रात में ले जाता जाता है। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पौधे सालों बाद विकसित होकर पेड़ का रूप लेते हैं। जिससे पर्यावरण के साथ लोगों को ही कई फायदे मिलते हैं।लेकिन थोड़े रूपए के लालच में हरे पेड़ों को काटा जा रहा है।जिस पर रोक नहीं लग रही। ग्रामीण क्षेत्र के व्यस्तम आवाजाही वाले क्षेत्रों में वन माफिया खुलेआम हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला रहे हैं।एक ओर प्रशासन पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ का नारा बुलंद कर रहा है। दूसरी ओर इसकी रक्षा के लिए तैनात वन कर्मियों के सह पर पेड़ों को काटा जा रहा है। जानकारी के अनुसार हरे भरे पेड़ों को काटकर आरा मशीनों में बेचा जा रहा है।

रिपोर्ट – अर्जुन देशवाल ( मेरठ )

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